Полная версия
वरध तकत
`मैंने दरवाजा खोला और जिसने मुझे एक नए बरामदे में पहुँचा दिया। तीसरे दृश्य में मेरा क्या इंतेजार कर रहा है? चलिये साथ में चलते है, पाठको। मैं चलने लगता हूं और मेरे ह्रदय की गति बढ़ने लगती है जैसे मैं पहले ही दृश्य में ही हूँ। मैंने बहुत से चुनौतियों पर जीत पा ली है, और मैं खुद को एक विजेता सोचता हूँ। मेरे दिमाग में, मैं उन पुरानी यादो को खोजता हूं जब मैं बचपन में छोटी गुफाओं में खेला करता था। स्तिथि अब बिलकुल अलग है। गुफा बहुत बडी है और जालों से भरी हुई है। मेरी रोशनी बिल्कुल खत्म हो गई है। मैं लगातार चलता हूं और बिलकुल सामने एक नया जाल दिखता है: दो दरवाजे। "विरोधी ताकतें" मेरे अंदर चिल्लाती हैं। नया विकल्प बनाना जरूरी है। एक चुनौती मेरे दिमाग में आती है, और याद आता है कि मेरे पास हिम्मत थी कि उसे मैं पूरा कर सकूँ। मैंने दाईं तरफ वाले रास्ते को चुना। भले ही यह स्थिति बिलकुल अलग है और मैं एक अँधेरी गुफा के अंदर हूँ। मैंने अपना चुनाव तो कर लिया लेकिन संरक्षक की सिखाई बातों को याद करने की कोशिश करने लगा। मुझे दोनों ताकतों के बारे में जानना जरूरी है ताकि उन पर मैं पूरा नियंत्रण पा सकूँ। मैंने दाईं तरफ के दरवाजे को चुना। मैनें धीरे से दरवाजा खोला, इस बात से डरा हुआ की वहाँ क्या छुपा हो सकता है। जैसे ही मैं उसे खोलता हूँ मुझे एक दृश्य विस्मित होता है: मंदिर के अंदर, साधुओं के तस्वीरों से भरा हुआ और वेदी पर प्याला। क्या यह पवित्र प्याला हो सकता है, क्राइस्ट का वह आखिरी प्याला जो इससे पीते हैं वो उन्हें अनंत जवानी देते है? मेरे पैर काँप रहे है। जल्दी में मैं प्याले की ओर भागता हूं और उससे पीता हूँ। वाइन बहुत स्वास्दिष्ट लगती है, जैसे स्वर्ग के परमेश्वर की हो जैसे। मैं चक्कर सा महसूस करता हूँ, सिर घूमने लगता है, स्वर्गदूत गाते हैं और गुफा की जमीन कंपकपाती है। मैंने अपना पहला दर्शन देखा: मैंने एक यहूदी देखा जिसका नाम जीसस था, अपने प्ररितों के साथ, चंगाई देते, मुक्त करते तथा अपने लोगों को जीवन का नया दृष्टिकोण सीखा रहे हैं। मैने उनको पूरे चमत्कारों और प्यार के प्रक्षेप पथ के साथ देखा। मैंने जूडस और शैतान को उनके पीछे धोखे करते भी देखा। अंततः मैंने उनके दोबारा जी उठने और महिमा को भी देखा। मैंने एक आवाज को मुझसे कहते सुना: अपना निवेदन करो। ख़ुशी के साथ मैंने कहा: मैं द्रष्टा बनना चाहता हूँ।
चमत्कार
मेरे निवेदन के कुछ समय बाद, मंदिर हिलने लगता है, धुएं से भर जाता है और मैं बदली हुई आवाजें सुन सकता हूँ। जिसका उन्होंने खुलासा किया वह एक पूर्ण रहस्य था। प्याले से एक आग उठती है और मेरे हाथ में आती है। उसकी रोशनी बहुत तेज है और पूरी गुफा को रोशन करती है। गुफा की दीवारें बदलती है और छोटा दरवाजा प्रकट होता है उसे राह देती हैं। वह खुलता है और एक ताकतवर हवा मुझे उसकी तरफ धक्का देती है। मेरी सारी कोशिशें मेरे दिमाग में आती हैं: पढाई की ओर मेरी निष्ठा, जिस तरह मैंने परमेश्वर के नियमों का सही तरीके से पालन किया, पहाड़ की चढ़ाई, चुनौतियां और यहाँ तक कि गुफा में यह मार्ग भी। इन सब ने मेरा आश्चर्यजनक अध्यात्मिक विकास किया। मैं अब खुश रहने तथा अपने सपनों को पूरा करने के लिए तैयार हूँ। बहुत खूंखार निराशा की गुफा ने मुझे अपना निवेदन करने के लिए मजबूर कर दिया। इस उत्कृष्ठ क्षण में मुझे वह सब याद है जिसने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मेरी जीत में योगदान दिया: मेरे प्राथमिक शाला के शिक्षक, मिसेस सोकोर्रो, जिसने मुझे पढ़ना और लिखना सिखाया, मेरे जीवन में शिक्षक, मेरा स्कूल और काम के दोस्त, मेरा परिवार और संरक्षक जिन्होंने मुझे चुनौतियों तथा इस गुफा को पार पाना सिखाया। ताकतवर हवा के झोकें मुझे दरवाजे के ओर धक्का दे रहे हैं और जल्द ही मैं खुफिया कक्षा के अंदर होऊंगा।
जो शक्ति मुझे धक्का दे रही है अंततः बंद होती है। दरवाजा बंद होता है। मैं एक बहुत ही बड़े कक्ष में हूँ जो ऊँचा और अँधेरे से भरा हुआ है। दाईं तरफ एक मुखौटा, एक मोमबत्ती और बाइबल है। बाईं तरफ एक कैप, टिकट और क्रॉस है। केंद्र में ऊपर बहुत ही अच्छा दिखने वाला गोल सा लोहे का बना उपकरण है। मैं दाईं तरफ चला: मैनें मुखौटे को पहना, मोमबत्ती को उठाया और बाइबिल के किसी पन्ने को खोल लिया। मैं बाईं तरफ चला: मैंने कैप पहन लिया, अपना नाम और उपनाम टिकट पर लिखा और दूसरे हाथ से क्रॉस को सुरक्षित किया। मैं केंद्र की ओर चला और खुद को उपकरण के ठीक नीचे खड़ा कर लिया। मैंने चार जादुई शब्द कहे: पै-गं-ब-र। तुरंत ही रौशनी का चक्र उपकार से निकला और मुझे भर लिया। मैं महान सपने देखने वालों की याद में रोज जलने वाली सुगंध को महसूस कर रहा था: मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला, मदर टेरेसा, फ्रांसिस ऑफ़ असीसी और जीसस क्राइस्ट को। मेरा शरीर कंपकंपाने लगता है और तैरने लगता है। उनके साथ मेरी समझ जागने लगती है और मैं भावनाओ तथा इरादों को गंभीरता से पहचाने में सक्षम हो जाता हूँ। मेरे उपहार ताकतवर हो गए हैं और उनके सहारे मैं समय और अंतरिक्ष में चमत्कार करने में सक्षम हूँ। चक्र तेजी से बंद होता है और अपराध, असहिष्णुता और डर की हर भावना मेरे दिमाग से मिट रही है। मैं तक़रीबन तैयार हूं: दर्शनों की एक श्रेणी दिखने लगती है और मुझे भ्रमित करती है। अंततः चक्र बाहर चला जाता है। तुरंत ही, मेरे तोहफों के साथ द्वारों की एक श्रेणी खुलती है और मैं देख, सुन और महसूस कर सकता हूँ। चरित्र की आवाजें जाहिर होना चाहती हैं, अलग समय और जगह दिखने लगते हैं और महत्वपूर्ण प्रश्न मेरे दिल को खुरचने लगते है। ज्ञानी बनने की चुनौती शुरू हो चुकी है।
गुफा से निर्गमन
सब जीतने के साथ मेरे पास यह बचता है कि मैं गुफा से निकल जाऊँ और यात्रा को सच बनाऊं। मेरा सपना पूरा हो चुका था अब उसे बस काम में लाना था। मैंने चलना प्रारम्भ किया और कुछ ही क्षणों में मैंने ख़ुफ़िया कक्ष को पीछे छोड़ दिया था। मुझे नहीं लगता कि अब और कोई इंसान यहाँ प्रवेश करने की ख़ुशी प्राप्त कर पाएगा। निराशा की गुफा वैसे ही नहीं रहेगी जैसा की मैं इसे जीतकर, आत्मविश्वास और ख़ुशी के साथ छोडूंगा। मैं तीसरे दृश्य के पास आया: संतो के तस्वीरें वहीं बरकरार है और मेरे जीतने से खुश लग रहे हैं। प्याला गिर गया है और सूखा है। वाइन बहुत ही स्वादिष्ट थी। मैं तीसरे दृश्य के पास शांति से अपना काम करता हूँ और जगह के वातावरण को महसूस करता हूँ। यह सच में गुफा और पहाड़ जितना पवित्र है। मैं ख़ुशी में चिल्लाया और गूंज पूरी गुफा में गूंजी। द्रष्टा बनने के बाद दुनिया बिलकुल पहले जैसी नहीं रहेगी। मैं रुका, सोचा और खुद को हर तरह से परिकल्पित किया। आखिरी चुम्बन के साथ मैंने तीसरा दृश्य छोड़ा और उसी दरवाजे पर आ गया जिसे मैंने चुना था। द्रष्टा का रास्ता एक आसान रास्ता नहीं होगा क्योंकि हृदय की “विरोधी ताकतों” को नियंत्रण में करना चुनौतीपूर्ण होगा और उसे दूसरों को सीखाना भी। बाईं तरफ का रास्ता जो मेरा विकल्प था ज्ञान और लगातार सिखना चाहे छुपी ताकतों के साथ, पछतावे या खुद मृत्यु के साथ का प्रतिनिधित्व करता है। जैसे की गुफा बहुत बड़ी, आर्द्र और अँधरी है, चलना थकान भरा होता है। द्रष्टा की चुनौती शायद उससे बड़ी हो सकती है जितना मुझे लगा है: ह्रदय, जीवन और भावनाओं का मिलन। यह पूरा नहीं है: मुझे अब भी अपने रास्ते का ध्यान रखना है। गलियारा तंग होते जाता है और उसके साथ मेरे विचार भी। घर की याद बढ़ने की मेरी भावनाओं को, और साथ ही गणित और मेरी खुद की ज़िन्दगी के। अन्त में, अपने आप की पुरानी यादों आती हैं। मैंने अपने पैर जल्दी चलाये और अब मैं दूसरे दृश्य में हूँ। टूटे हुए शीशे मेरे दिमाग के उस भाग का प्रतिनिधित्व कर रहे है जो संरक्षित तथा बढ़ाकर रखे गए थे: अच्छी भावनायें, गुण, उपहार और गलती पहचानने की क्षमता जो मैंने की थीं। आईने का दृश्य मेरी आत्मा का प्रतिबिंब है। इस आत्म-ज्ञान को मैं पूरी ज़िन्दगी अपने साथ लेकर चलूंगा। मेरी यादों में बसी है बच्चे की आकृति, पन्द्रह साल के बच्चे की और बूढ़े आदमी की। ये मेरे बहुत से चेहरों में तीन चेहरे हैं जो मैं संरक्षित करता हूँ क्योंकि ये मेरा इतिहास है। मैं दूसरा दृश्य छोड़ता हूँ और उसके साथ अपनी यादें भी। मैं उस गलियारे में हूँ जो मुझे पहले दृश्य की ओर ले जायेगा। मेरे भविष्य की उम्मीद और आशाएँ नई हो गई हैं। मैं द्रष्टा हूँ, ज्ञानवान और ख़ास। बहुत से लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए नियुक्त। गुफा के बाद का समय पहले से जो कौशल है उनके ट्रेनिंग और सुधार के लिए होंगे। मैं थोड़ी दूर और जाता हूं और भूलभुलैया की एक झलक देखता हूँ। इस चुनौती ने तो मुझे तक़रीबन तबाह ही कर दिया था। मेरी मुक्ति का कारण जादूगर, एक चमगादड़ था जिसने मुझे निकास द्वार खोजने में मदद की। अब मुझे उसकी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मैं अपनी मायावी ताकतों से मैं इसे आसानी से पार कर सकता हूँ। मेरे पास पांच धरातलों में मार्ग दर्शन का उपहार है। कितनी बार प्रायः हमें लगता है कि हम भूलभुलैया में खो गए है: जब हम नौकरी खोते हैं, जब हम अपने प्रियजनों से दुःखी होते हैं, जब हम अपने से बड़ों के आदेश को नहीं मानते, जब हम सपने देखने की आशा और क्षमता को खो देते है; जब हम जीवन के प्रशिक्षु होना छोड़ देते हैं और तब जब हम खुद की किस्मत को दिशा देने की क्षमता खो देते हैं। याद है: ब्रम्हांड व्यक्ति को प्रवृत्त कर देता है लेकिन वो हम होते हैं जो उसके लिए जाते हैं और साबित करते हैं कि हम लायक हैं। वही मैनें किया। मैं पहाड़ चढ़ा, तीनो चुनौतियां पार की, गुफा में प्रवेश किया, उसके जालों को हराया और अपनी मंज़िल तक पहुँचा। मैं भुलभूलैया के पार निकला और मुझे उससे उतनी खुशी नहीं हुईं क्योकि मैं पहले ही चुनौती जीत गया था। मुझे नए क्षितिजों की तलाश थी। मैं ख़ुफ़िया कक्ष, दूसरे और तीसरे दृश्य के बीच में दो किलोमीटर तक चला और इस अहसास के साथ मुझे थोड़ी थकान महसूस हुई। मैंने महसूस किया कि पसीना बह रहा था और वाष्पिक दबाव तथा काम आर्द्रता महसूस की। मैं निंजा के पास पंहुचा, मेरा महान प्रतिद्वंदी। वह अभी भी पटकाया हुआ मालूम होता था। मुझे माफ़ कर दो कि मैंने तुम्हारे साथ ऐसा बर्ताव किया लेकिन मेरे सपने, मेरे उम्मीद और मेरी किस्मत सब दांव पर थे। हर एक को महत्वपूर्ण समय में महत्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ते हैं। डर, लज्जा, और शिष्टाचार मदद करने की बजाये रास्ते में आते हैं। मैंने उसके चेहरे की ओर देखा और शरीर में जान वापस डालने की कोशिश की। मैंने इस तरह बर्ताव किया जैसे अब हम प्रतिद्वंदी नहीं है लेकिन इस भाग के साथी हैं। वह उठा है और पूरे दिल से मुझे बधाई देता है। सब कुछ पीछे छूट गया था: लड़ाई, हमारी "विरोधी ताकतें" हमारी विभिन्न भाषाएं, और हमारे अलग अलग लक्ष्य। हम पहले से अलग स्तिथि में जी रहे है। हम बात कर सकते थे, एक दूसरे को समझ सकते थे और क्या पता दोस्त भी बन सकते थे। जैसे की कहावत है: अपने दुश्मन को घनिष्ट और विश्वासी दोस्त बनाओ, अंततः उसने मुझे गले लगाया और मुझे अलविदा कह और मुझे कामयाबी के लिए शुभकामनाये दी। मैंने प्रतिदान किया। वह लगातार गुफा के हिस्से का राज बनाता रहेगा और मैं जिंदगी और दुनिया का रहस्य बनाता रहूंगा। हम "विरोधी ताक़तें" है जो मिल गए हैं। इस किताब में मेरा यही लक्ष्य है: "विरोधी ताकतों" को एक करना। मैं बरामदे में चलता रहा जिसने मुझे पहले दृश्य में पहुँचा दिया। मैं पूर्णतः शांत और विश्वास से भरा महसूस कर रहा था ना कि वैसे जैसे गुफा में जब पहली बार प्रवेश किया था। डर, अँधेरे और आग से अंजान होने के कारण मुझे डरा दिया था। सुख, भय और असफलता के संकेत के तीन दरवाजों ने मुझे चीजों की भावना विकसित करने और समझने में मदद की। असफलता हर वह चीज का प्रतिनिधित्व करती है जिससे हम उसे बिना जाने भागते रहते हैं। असफलता हमेशा सीखने का सबक होना चाहिये। यह वह क्षण होता है मानव खोज करता है कि वह सर्वोत्तम नहीं है, कोई भी रास्ता अभी नहीं बना है और यह क्षण है फिर से बनने का। यह चीज हमेशा करनी चाहिये: पुनर्जीवित हो। उदाहरण के लिये पेड़: वो अपने पत्ते तो खो देते है लेकिन अपना जीवन नहीं। उन्हें वैसे ही रहने दो जैसे वे है: रूपांतरण कर लो। जिंदगी में उसकी आवश्यकता होती है। डर वहाँ उपस्थित होता है जब भी हम कभी हम डरा या दबा हुआ महसूस करते हैं। यह नई असफलताओं का शुरूआती बिंदु है। अपने डर पर जीत पाओ और पाओगे कि यह सिर्फ हमारी कल्पना में होता है। मैंने गुफा के गलियारे के एक अच्छे हिस्से को पार कर लिया है और इस समय में, मैं ख़ुशी के दरवाजे को पार कर रहा हूँ जो बहुत ही जरुरी है। हर कोई इस द्वार से जा सकता है और खुद को समझ सकता है कि ख़ुशी रहती है और उसे पाया जा सकता है अगर हम ब्रम्हांड के साथ साथ चलें। यह सम्बंधित रूप से आसान है: कामगीर, राजमिस्त्री, चौकीदार अपने मिशनों को पूरा करने से खुश है, किसान, गन्ना उगाने वाला, चरवाहे सब खुश हैं अपनी मजदूरी का उत्पादन इकठ्ठा करके; शिक्षक पढ़ाने में और सिखाने में; लेखक पढ़ने और लिखने में; पंडित पुण्य विचारों को बांटने में; जरुरती बच्चे, अनाथ और भिखारी प्यार और चिंता के शब्द सुनकर खुश हैं। ख़ुशी हमारे अंदर है और लगातार खोजे जाने की जरूरत है। सच में खुश रहने के लिए हमें घृणा, असफलता, फालतू बातें और शर्म को भूलने की जरूरत है। मैं चलता गया और सभी जालों को देखा जिनसे मै बचने में कामयाब रहा और अचंभित हुआ की अगर लोग भरोसे, रास्ते और किस्मत के नहीं बने होते तो किसके बने होते। उनमे से कोई भी जाल को पार नहीं कर पाया क्योकि उनके पास सुरक्षा का जाल या रौशनी और ताकत नहीं थी। इंसान अगर अकेला है तो वह कुछ भी नहीं है। वह जब मानवता के ताकतों से जुड़ा होता है तभी वह खुद से कुछ कर पाता है। अगर वह ब्रम्हांड के साथ सामंजस्य में है तभी वह अपनी खुद की जगह बना सकता है। मुझे अब ऐसा ही महसूस हो रहा है: पूर्ण सामंजस्य में क्योकि मैं पहाड़ पर चढ़ा, तीन चुनैतियां जीतीं और मैंने गुफा को हरा दिया, वह गुफा जिसने मेरे सपने को सच कर दिया। मेरे चलने का अंत आ गया है क्योंकि मुझे गुफा के प्रवेश द्वार से रौशनी आती दिख रही है। थोड़ी देर में मैं बाहर होऊंगा।
Конец ознакомительного фрагмента.
Текст предоставлен ООО «ЛитРес».
Прочитайте эту книгу целиком, купив полную легальную версию на ЛитРес.
Безопасно оплатить книгу можно банковской картой Visa, MasterCard, Maestro, со счета мобильного телефона, с платежного терминала, в салоне МТС или Связной, через PayPal, WebMoney, Яндекс.Деньги, QIWI Кошелек, бонусными картами или другим удобным Вам способом.